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Monday 19 July, 2010

खावंद की इजाज़त

अबू हुरैरा रज़िअल्लहु अन्हु से रिवायत है

कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया:

कोई औरत अपने खावंद  (Husband)

की इजाज़त के बगैर (Nafli)

रोजाह नहीं रख सकती

(सहीह बुखारी, H# 5192;
सहीह मुस्लिम,H# 1026)

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