- जमाल, क्या तुम्हारे ईश्वर ने व्यक्तिगत रूप से तुम्हे आ कर बताया था कि उसकी इबादत की विधि क्या है? अगर हाँ तो हमे भी उसका साक्षात्कार कराओ, नही, तो जैसे तुम किसी और की बात को मानते हो, शेष अन्य भी उनके हिसाब से सही हैं। रही बात तीन देवता की तो मैं इतना कह दूं कि हिन्दु दर्शन तो तुम्हे समझ आता नही और भविष्य मे भी कोई सम्भावना दिखती नहीं। तुम्हारे घर मे तुम अपनी पत्नी के लिये पति, बच्चों के लिये पिता और माँ के लिये पुत्र हो ति क्या तुम ३ व्यक्ति हो गए? हिन्दु दर्शन एकेश्वर वाद मे ही विश्वास रखता है, हिन्दु दर्शन मे सामान्य जन को समझाने हेतु अलग अलग कर्म विधान के अनुसार अलग अलग नाम दिया है बस। गीता पढो, प्रारम्भ मे ही भगवान ने कहा है, "मैं ही जन्म देता हूं, मैं ही पालन करता हूँ, मैं ही संहार करता हूँ" क्या इससे सिद्ध नही होता कि ब्रह्मा, विष्णु महेश तीनो एक ही इश्वर के रूप हैं। तुमने कहा "वह आदमी बनकर मां के पेट से जन्म लेता है।" अर्थात प्रत्येक मनुष्य मे ईश्वर का अंश है, कुछ ही पूर्णता को प्राप्त करते हैं। लिंग एवं योनि से तो तुम्हारा विशेष लगाव है, इसकी चर्चा बिना तुम्हारा रोजा हराम है। तुम बताओ हम तो इश्वर को ऐसा बोलते हैं, पर क्या इस्लाम की सुफी परंपरा मे इश्वर को पुर्लिंग नही मानते हैं? अगर हाँ तो उसका भी लिंग होगा, जरा इस्लाम के सूफी मत पर भी थोडा प्रकाश डालने का दुःसाहस किया करो, या डरते हो अपने विरुद्ध फतवे से? "वह कछुआ-मछली, बल्कि सुअर तक बनकर"-----> यह हिन्दु दर्शन का एक रूप है जिससे यह हमे ज्ञात रहे कि सब सृष्टि एक ईश्वर की है। तुम बताओ कि सुअर किसने पैदा किया, शायद तुम्हारे खुदा के पास सृष्टि करने की पूर्ण विधा नही रही होगी अतः यह काम किसी और ने किया होगा। अगर तुम ऐसा नही मानते हो तो जरा बताओ किस अहंकार के साथ तुम खुदा (अगर उसने सृष्टि की रचना की है तो) के बनाए एक नमूने से घृणा करते हो? "पैदा करने वाले ने अपनी बेटी के साथ करोड़ों साल तक बलात्कार किया" ---> किस पुस्तक मे लिखा है?, मैने कुरान नही पढा है, शायद उसमे लिखा होगा। नही तो पुस्तक का नाम दो। (मैं जानता हूँ कि तुम सडक के किनारे बिकने वाली किताबों के नाम दोगे जो तुम लोगो के ही धन से हिन्दु धर्म को कलंकित करने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाती हैं) हमने यह जरूर सुना है कि खुदा के भेजे हुए पैगंबर ने अपनी बहु से बलात्कार किया था फिर शर्म ढकने को उससे निकाह कर लिया। हमने तो यह भी सुना है कि खुदा अपने मानने वालो की संख्या बढाने हेतु घूस भी देता है, जन्नत मे ७२ हूर, और न जाने क्या क्या............हमने यह भी सुना है कि खुदा ने अपने बनाए हुए नमूनो मे फर्क रखता है, मर्द को ज्यादा बडा ओहदा देता है और औरत को छोटा। तो यह ऊँच नीच तुम्हारे यहाँ भी है, दूसरे रूप मे।
धर्म केवल उपासना पद्धति और नाम जाप का ही नाम नहीं होता बल्कि वह मनुष्य को जीवन के हर पहलू में हर संकट में सही और सीधा मार्ग दिखाता है।
Wednesday, 8 September 2010
ज्ञान की रौशनी तक पहुँचने के लिए भ्रम के अंधेरों से निकलना पड़ता है ।
ज्ञान की रौशनी तक पहुँचने के लिए भ्रम के अंधेरों से निकलना पड़ता है । भ्रम के अंधेरों में इन्सान कभी चीज़ों को उनके सही रूप में नहीं देख पाता , ख़ुदा के कलाम के साथ यह हो रहा है लोग अफ़वाहों के शिकार हो रहे हैं और खुद भी अफ़वाह फैला रहे हैं । भाई रविन्द्र के सवाल भी इस भ्रम से उपजे हैं ।
7 comments:
- Ayaz ahmad said...
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एजाज़ भाई आपने रवींद्रनाथ को क़ुरआन पढ़ने का आमंत्रण देकर अच्छा किया क्योकि इस्लाम के बारे में उनके ज्ञान का स्रोत एक घटिया स्थान का उठना बैठना है अब उन्होने बिल्कुल सही जगह आकर ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश की है
- 9 September 2010 at 4:31 am
- Ayaz ahmad said...
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कृप्या शब्द वेरीफीकेशन हटाएँ
- 9 September 2010 at 4:34 am
- HAKEEM SAUD ANWAR KHAN said...
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सवाल नाकिस और जवाब कामिल । बहुत खूब ।
- 9 September 2010 at 10:50 am
- HAKEEM SAUD ANWAR KHAN said...
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बराए मेहरबानी मेरे ब्लाग पर भी तशरीफ़ लाए ।
- 9 September 2010 at 10:53 am
- Anwar Ahmad said...
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nice post
- 9 September 2010 at 8:34 pm
- Anwar Ahmad said...
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कृप्या शब्द वेरीफीकेशन हटाएँ
- 9 September 2010 at 8:34 pm
- Admin said...
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Very nice post.
Sugar & Coco
- 20 February 2020 at 9:09 pm
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